Tuesday, June 11, 2019

अन्दर जाने क्यूँ एक ज्वाला मुखी सा उबलता सा रहता है...लगता है शांत हो गया है पर जैसे ही कहीं से चिंगारी उड़ के आ जाती है फिर उबलना शुरू कर देता है......बहुत आवाज़ करके फटना चाहता है पर कोई ऐसा होने नहीं देता सब उसके ऊपर ढक्कन रख देते हैं और अंदर ही अंदर उबल उबल के सूख जाता है....काला हो जाता है.. अंदर निशान बन जातें हैं जो जूने से साफ़ करने से भी नहीं जाते... 

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